अगर पढ़ाई में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं तो ये योग अभ्यास करें। Brain Power Enhancing Yoga For Students

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में किसी व्यक्ति के पास इतना समय नहीं है रहता कि वह अपने मस्तिष्क को ,अपने शरीर को आराम दे सके तथा अपनी समरण शक्ति को विकसित कर सकें। वर्तमान समय में प्रत्येक विद्यार्थी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होने के लिए पढ़ाई में इतना व्यस्त रहना पड़ता है कि उनके पास पढ़ाई करने के अलावा और कुछ समय नहीं रहता तथा फिर भी बहुत से विद्यार्थियों की समस्या रहती है कि वह12 -15 घंटे पढ़ कर भी परीक्षा क्रैक कि नहीं कर पाते। आज की इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे योगाभ्यास से आपको परिचित करवाएंगे जिससे आप अपने मन को एक स्थान पर केंद्रित कर पाएंगे तथा अपने स्मरण शक्ति को बढ़ा पाएंगे।
योग अभ्यास क्यों जरूरी है??

योगाभ्यास से ना केवल शरीर बलिष्ठ होता है अपितु यह स्मरण शक्ति को विकसित करने में भी आपकी मदद करता है आप सभी को योग के आठ अंगों के विषय में पता होना आवश्यक है योग के आठ अंग निम्नलिखित है यम, नियम, आसन, प्राणायाम ,प्रत्याहार ,ध्यान धारणा और समाधि। प्राणायाम के के प्रतीक व्क्ति अपने चंचल मन को अपने नियंत्रण में कर सकता है तथा किसी भी बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है यहां पर मेरा कहने का तात्पर्य यह है कि जिन छात्रों की अक्सर यह समस्या रहती है कि वह 15 या 20 मिनट से अधिक पढ़ाई में अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते तो उनको प्रतिदिन कुछ ऐसे प्राणायाम ओ को अपनी दैनिक दिनचर्या में ढाल देना चाहिए जिससे कि आपने मन चित्त को नियंत्रण में रखा जा सके। चलिए अब जानते हैं कुछ योगाभ्यासो के बारे में जो आप की स्मरण शक्ति के फैलाव के लिए आवश्यक है।
1)पद्मासन – पद्मासन इसके विषय में आप सभी ने अवश्य ही सुना होगा तथा अक्सर योग दिवस के दौरान कई महापुरुषों द्वारा इसे किया जाता है जिस का लाइव प्रसारण भी विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से आप तक पहुंचाया जाता है। आपने अक्सर योग के प्रवर्तक बाबा रामदेव जी द्वारा इस आसन को करते हुए देखा होगा यह जानते हैं कि इस आसन को कैसे किया जाता है।

- पद्मासन करने के लिए आपको सबसे पहले समतल सतह पर बैठना अनिवार्य है।
- योग नियमों के अनुसार आपके शरीर और सतह का सीधा टच होना सही नहीं है समतल सतह पर चटाई बिछा के बैठ जाएं।
- अपनी दोनों जांघों से क्रॉस की आकृति बनानी है जिसे बनाने के लिए आपको अपनी दाएं जंघा को बाएं जंघा पर तथा बाईं को दाएं पर रखना होगा।
- पद्मासन में आप की आकृति कमल के फूल के समान दिखाई देती है पद्मासन का वास्तव में पर्यायवाची शब्द कमल सा आसन है।
लाभ : 1) प्रतिदिन सुबह उठकर पद्मासन करने से आप की रीड की हड्डी सीधी होती है।
2) पद्मासन करने से मन शांत और आंतरिक विकार दूर होते हैं तथा अन्य शारीरिक रोगों से छुटकारा मिलता है।
3) रोज सुबह सुबह पद्मासन करने से आपकी रक्त वाहिनी यों से रक्त का प्रवाह सही होता है तथा आपके समस्त मन – चित पूर्ण रूप से खुल जाता है और आपको पूरे शरीर में चुस्ती का अनुभव होता है।
4) वर्तमान समय में अगर आप किसी तनाव से ग्रस्त हो तो आपको अवश्य ही यह योगासन करना चाहिए तथा पद्मासिंह करने के साथ-साथ आपको सुबह उठकर ओम का उच्चारण करना चाहिए जिससे आपकी ब्लॉक नशे भी खुल जाएंगी तथा ओम स्वर के उच्चारण से आप की स्मरण शक्ति और तीव्र हो जाएगी।
2) भ्रामरी प्राणायाम : सबसे पहले हम जानेंगे कि भ्रामरी प्राणायाम किस तरह किया जाता है ।
- किसी भी प्राणायाम करने के लिए आवश्यक शर्त यही है कि किसी शांत स्थान पर समतल सतह पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं।
- आप आराम करने के लिए ऐसे वातावरण का चयन करें जहां हवा का प्रभाव शुद्ध और स्वच्छ हो।
- भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए अपनी दोनों आंखें बंद कर ले।
- इसके पश्चात आप कान और गाला को त्वचा के बीच की उपास्थी को अपनी दोनो तर्जनी उंगली से दबा लें ।
- अब आप इसे दबा हुआ रहने देके ऊंचे स्वर में मधुमक्खी की आवाज निकाले।
- मधुमक्खी या भौंरे की आवाज का स्वाद ॐ के स्वर में हो तो अधिक लाबप्रद रहेगा।
- ऐसा आप 10-15 मिनट्स तक नित्य करे ।
लाभ :
- इससे मन की एकाग्र शक्ति बढ़ती है।
- मधुमक्खी की आवाज आपके अंतर्मन को स्पर्श करती हुई समस्त विकृतियों को दूर करती है।
- इस प्राणायाम को करने से मन शांत और स्थिर होता है तथा क्रोध की प्रवृति से छुटकारा मिलता है।
- चिड़चिड़ापन अथवा झुंझलाहट को दूर करने के लिए भी ये प्राणायाम उपयोगी है।
- इससे मन की सभी तरंगे समुद्र की तरंगों की भांति गतिमान हो जाती है तथा आपकी संकल्प शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता में भी वृद्धि होती है।
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