रक्षाबंधन 2022, जानिए रक्षाबंधन का इतिहास तथा भारतीय संस्कृति में इसका महत्व, भाषण । Rakshabandhan 2022 Importance in
रक्षाबंधन 2022: भारत में रक्षा बंधन को एक अत्यंत पवित्र त्यौहार की ख्याति प्राप्त है हालांकि सभी त्यौहार पवित्रता का प्रतीक होते हैं परंतु रक्षाबंधन भारत में मनाया जाने वाला अत्यंत प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे भारत में ना कवल हिंदू संप्रदाय द्वारा मनाया जाता है अपितु जैन, सिखों बौद्ध आदि धर्मों द्वारा भी इस त्यौहार को मनाया जाता है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्यौहार में सभी बहनें अपने भाइयों को हाथ में राखी पहनाती है तथा भाई बदले में उन्हें उपहार देते हैं और सदैव उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। आज की आर्टिकल में हम रक्षाबंधन की महत्ता इसके इतिहास तथा इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आप सभी के साथ साझा करेंगे।

रक्षाबंधन 2022 जानिए तारीख और राखी बांधने का उचित समय
- रक्षाबंधन 2022 इस वर्ष 11 अगस्त को मनाया जा रहा है जिस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधेगी तथा सभी भाई अपनी बहनों के प्रति सभी कर्तव्यों का पालन करने के लिए वचनबद्धता का प्रण लेंगे।
- बात करें राखी बांधने के उचित समय की तो ज्योतिषी के अनुसार सुबह 11:30 से 12:30 का समय राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा हालांकि अन्य समूहों में भी राखी बांधी जा सकती है।
रक्षाबंधन का इतिहास । जानिए रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है । रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पौराणिक घटनाएं
रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है इस विषय से संबंधित उपयुक्त जानकारी तो पौराणिक ग्रंथों से प्राप्त नहीं होती परंतु रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है इससे संबंधित कुछ घटनाएं कहानियां अवश्य पुराणों में देखने को मिलती है जिसकी जानकारी आप सभी को दी जाएगी।रक्षाबंधन 2022

- रक्षाबंधन से कई कहानियों को जोड़ा जाता है .इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित इंद्रदेव से जुड़ी कथा है।. पुराण के अनुसार असुरों के के आक्रमण की वजह से देवताओं को काफी नुकसान पहुंच रहा था.। इस नुकसान को देखकर इंद्रदेव की पत्नी सची व्यथित हो गईं वो दुखी मन से भगवान विष्णु के पास गईं ताकि इस समस्या का समाधान मिल सक।. भगवान विष्णु ने पूर्ण समस्याओं को सुनने के पश्चात एक धागा इंद्र की पत्नी देवी सची को दिया और कहा कि वो इस धागे को अपने पति की कलाई पर बांध दें। उन्होंने ठीक वैसा ही किया । इसके बाद असुरों को पराजय का सामना करना पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि इसी के बाद से रक्षाबंधन मनाया जाने लगा।पौराणिक ग्रंथों के अनुसार युद्ध के लिए जाने से पहले रक्षा के लिए राजा और उनके सैनिकों के हाथों में उनकी पत्नी और बहनें अनिवार्य रूप से राखी बांधा करती थी. ऐसी मान्यता है कि राखी बांधने से भाइयों के उपर आने वाला संकट टल जाता है।समय के साथ इस में परिवर्तन आया और पत्नियों के अलावा अब केवल बहनों द्वारा ही अपने भाइयों को राखी बंधाई जाती है।
- एक और पौराणिक मान्यता की बात करे तो ये घटना महाभारत की है जिसे भगवान श्रीकृष्ण जी से जोड़ा गया है। ऐसा माना जाता है कि राजसूय यज्ञ के समय जब श्रीकृष्ण ने चक्र चला कर शिशुपाल का वध कर दिया था तो तब उनकी अंगुली से रक्त बहने लगा था। इसे देखकर द्रौपदी ने तुरंत ही अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी अंगुली पर बांध दिया था। इस कर्म के बदले श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को आशीर्वाद देकर कहा था कि एक दिन मैं अवश्य तुम्हारी साड़ी की कीमत अदा करूंगा, तथा तुम्हारी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहूंगा।इसी वजह से श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी साड़ी को इस पुण्य के बदले ब्याज सहित इतना बढ़ाकर लौटा दिया और उनकी लाज बच गई तथा उनकी कोरवो से रक्षा की थी।कहते हैं कि इसी के बाद रक्षा बंधन पर बहन द्वारा राखी बांधने की परंपरा की शुरुआत हुई थी।
- एक और प्रचलित कथा जिसे रक्षाबंधन से जोड़ा जाता है वह है जब भगवान श्री कृष्ण ब्राह्मण के अवतार में महाराजा बली के पास गए थे तो उन्होंने उससे तीन पग भूमि दान में देने की बात कही महाराजा बली जोकि बहुत बड़े दानवीर उन्होंने इस बात के लिए हामी जताई और तीन पग भूमि देने के लिए तैयार हो गए परंतु श्री कृष्ण ने केवल दो पग में ही समस्त धरती और पाताल को अपने चरणों से घेर लिया तथा उन्होंने जब तीसरा पग रखने के लिए जगह मांगी तो महाराजा बलि ने अपना शीश झुकाया तथा श्री कृष्ण ने मुकेश इस पर अपना तीसरा पग रखा श्री कृष्ण महा राजा बलि से प्रभावित होकर उन्हें अमरता का वरदान दे दिया परंतु महाराजा बलि ने श्री कृष्ण से आग्रह किया कि वह सदैव उनकी नजरों के सामने रहे इस बात से देवी लक्ष्मी चिंता में पड़ गई तथा उन्होंने महाराजा बलि के हाथों में राखी बांधी और उन्हें अपना भाई बनाते हुए भगवान श्री कृष्ण को उनके वहां से लेकर आई थी माना जाता है तभी से रक्षाबंधन की शुरुआत हुई थी।
रक्षाबंधन 2022 का भारतीय संस्कृति में महत्व
- रक्षाबंधन भाई और बहनों के बीच पवित्र बंधन का एक त्यौहार है।
- रक्षाबंधन के दिन बहने ना केवल अपने सगे भाइयों को राखियां बांधती है अपितु उन्हें वह अपने भाई समान समझती है उन्हें भी वह राखी बांधती है।
- रक्षाबंधन जैसा की नाम से स्पष्ट है कि रक्षा के लिए बंधन। यानि की जब बहन अपने भाइयों को राखी बांधती है तो वह दोनों एक दूसरे की रक्षा करने के लिए बंधन में बंध जाते है।
रक्षाबंधन 2022 कब मनाया जाएगा?
11 अगस्त